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कर्नाटक से पहले राजस्थान में भी पास होना था एक लाइन का प्रस्ताव - लेकिन गहलोत समर्थकों ने आलाकमान के खिलाफ कर दी बगावत

कर्नाटक से पहले राजस्थान में भी पास होना था एक लाइन का प्रस्ताव



जयपुर। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद वहां भी अब मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर रस्साकस्सी शुरू हो गई है। दोनों के समर्थक अपने पसंदीदा नेता को कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री बनाया चाहते हैं। इसे लेकर लॉबिंग शुरू हो गई है। खींचतान को देखते हुए एआईसीसी ने एक लाइन का प्रस्ताव कर्नाटक भेजा है। अब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित करवाने की कोशिश की जा रही है। इस एक लाइन के प्रस्ताव में मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस के आलाकमान द्वारा किए जाने की बात लिखी गई है। ऐसा ही प्रस्ताव 25 सितंबर 2022 को राजस्थान में भेजा गया था जिसे गहलोत समर्थक विधायकों ने फेल कर दिया था। ऐसे में राजनैतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं हैं कि क्या कर्नाटक के कांग्रेसी विधायक इस प्रस्ताव को पास करेंगे।

 

आलाकमान के प्रस्ताव पर पायलट समर्थकों ने उठाए सवाल

 

कर्नाटक में कांग्रेस के नए नेता का चुनाव करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने एक लाइन का प्रस्ताव भेजा तो सचिन पायलट समर्थक नेताओं ने राजस्थान भेजे गए प्रस्ताव का जिक्र छेड़ दिया। पायलट समर्थक नेता सुशील आरोपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि ऐसे ही एक लाइन का प्रस्ताव पास कराने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे जी और अजय माकन जी 25 सितंबर को जयपुर आए थे लेकिन अशोक गहलोत पूरा जाल बिछाकर तनोट माता मंदिर दर्शन करने चले गए थे। आसोपा ने यह भी लिखा कि ऐसे लोग अब कांग्रेस के अनुशासन की बात करते हैं।

 

राजस्थान भेजे गए प्रस्ताव का क्या हुआ, पढ़िए पूरा मामला

 

राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर लम्बे समय से खींचतान चल रही है। प्रदेश में नए मुख्यमंत्री का फैसला लेने का अधिकार कांग्रेस आलाकमान अपने पास रखना चाहते थे। ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे और तत्कालीन प्रभारी अजय माकन को एक लाइन का प्रस्वात देकर जयपुर भेजा था। सीएम अशोक गहलोत और उनके समर्थकों को पता चल गया कि भावी मुख्यमंत्री का फैसला का अधिकार कांग्रेस आलाकमान के पास जाने वाला है तो उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। गहलोत समर्थक शांति धारीवाल के बंगले पर समानांतर बैठक बुलाई गई जिसमें खुलकर कहा गया था कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं होंगे। इस ऐलान के बाद करीब 80 विधायकों ने 25 सितंबर 2022 की आधी रात को विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर जाकर इस्तीफे सौंप दिए थे।

 

अजय माकन को बताया था षड़यंत्र में शामिल

 

कांग्रेस आलाकमान के इस प्रस्ताव का खुलकर विरोध मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ ने किया था। इन तीनों नेताओं को बाद में अनुशासनहीनता का नोटिस भी जारी किया गया था लेकिन आज तक किसी भी नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। उन दिनों शांति धारीवाल ने तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन पर आरोप लगाया कि वे षड़यंत्र पूर्वक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद से अजय माकन राजस्थान नहीं आए और बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। दिसंबर 2022 में कांग्रेस आलाकमान ने अजय माकन के स्थान पर सुखजिन्दर सिंह रंधावा को नया प्रभारी बना दिया।

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