राजस्थान की 30 महिला जनप्रतिनिधियों में से 7 महिलाएं हर वक्त रहती हैं सुरक्षा घेरे में - सोचिए प्रदेश की आधी आबादी कितनी सुरक्षित होंगी
जयपुर। राजस्थान में महिलाएं कितनी सुरक्षित है। अगर सरकारी आंकड़ों पर गौर करेंगे तो वे चिंताजनक है। महिला अत्याचारों के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश हर साल 45 प्रकरण महिला अत्याचार के दर्ज हो रहे हैं। प्रदेश की महिला मंत्री और विधायकों पर हो रहे हमलों ने आधी आबादी की सुरक्षा की चिंता और बढा दी है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान की 30 महिला जनप्रतिनिधियों (मंत्री और विधायक) में से 7 ऐसी हैं जिन पर जानलेवा हमले होने की आशंका है। सुरक्षा की दृष्टि से 3 महिला जनप्रतिनिधियों को राज्य सरकार की और से y और z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। आइये जानते हैं उन महिला प्रतिनिधियों के बारे में जो हथियारबंद जवानों के घेरे में चलती हैं।
कृष्णा पूनिया - चूरू जिले के सादुलपुर विधायक और पूर्व ऑलम्पियन कृष्णा पूनिया को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। तीन साल पहले जब राजगढ एसएचओ विष्णुदत्त बिश्नोई ने आत्महत्या की थी तब लॉरेंस बिश्नोई नाम से बनी सोशल मीडिया आईडी पर कृष्णा पूनिया को धमकी दी गई थी। तब से कृष्णा पूनिया और उनके पति विरेन्द्र पूनिया को पुलिस सुरक्षा मिली हुई है। कृष्णा की सुरक्षा में 2 एएसआई सहित 35 पुलिसकर्मी तैनात हैं। पूनिया के काफिले के आगे पीछे तीन स्कॉर्ट चलती है। कृष्णा पूनिया को मिले सुरक्षाकर्मियों पर हर महीने 20 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं।
रंजीता कोली - भरतपुर सांसद रंजीता कोली पर दो बार जानलेवा हमला हो चुका है और कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी है। इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के बाद सुरक्षा बढाने का निर्णय लिया गया। ऐसे में सालभर पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया उपलब्ध कराई है। रंजीता कोली की सुरक्षा में सीआरपीएफ के 23 अधिकारी और जवान तैनात हैं। कोली हमेशा सुरक्षा घेरे में चलती हैं।
दिव्या मदेरणा - जोधपुर जिले के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा पर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ है। भीड़ द्वारा हमला किए जाने पर मदेरणा को जान बचाकर भागना पड़ा था। हमलावरों ने दिव्या की गाड़ी में जमकर तोड़फोड़ की थी। हमले के बाद वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी उमेश मिश्रा से मिली। राज्य सरकार ने दिव्या मदेरणा को 2 महीने के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। सुरक्षा के लिहाज से अब दिव्या मदेरणा 11 कमांडों से घेरे में नजर आएंगी।
वसुंधरा राजे - राजस्थान की पुर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी एस्कॉर्ट सुरक्षा प्रदान की हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री के नाते राजे जहां कहीं भी जाती है तो हर जिले में एक एस्कॉर्ट गाड़ी उनकी गाड़ी के आगे आगे दौड़ती है। साथ ही 7 कमांडों उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। राजे के आवास पर भी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था है। सरकारी आवास के बाहर और अंदर हमेशा हथियारबंद सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं।
शकुंतला रावत, ममता भूपेश, जाहिदा खान - मंत्री होने के नाते शकुंतला रावत, ममता भूपेश और जाहिदा खान भी आपको हर वक्त सुरक्षा घेरे में नजर आएंगी। चार सुरक्षा गार्ड हर वक्त इनके इर्द गिर्द तैनात रहते हैं। दो पीएसओ के साथ एक कमांडो अलग से मिला हुआ है। ऐसे में आप अंदाजा लगाइये कि हमारी चुनी हुई महिलाएं जिन्हें हम मजबूत मान रहे हैं। उन्हें भी हर वक्त जान का खतरा है। ऐसे में आम महिलाओं की सुरक्षा कैसे होती होगी। यह चिन्ता का विषय है।
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