राजस्थान की होनहार बेटियों ने किया कमाल - सिविल सेवा परीक्षा 2022 में चयनित होकर लहराया परचम
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जयपुर। 'म्हारी छोरी क छोरों से कम है...' फिल्म दंगल के इस डायलॉग को राजस्थान की बेटियों ने चरितार्थ कर दिया है। मंगलवार 23 मई की दोपहर को यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिजल्ट जारी किया। इस रिजल्ट में राजस्थान की होनहार बेटियों ने सफलता के झंडे गाड़ते हुए अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। हमारी बेटियों ने साबित कर दिया कि वे किसी से कम नहीं हैं। राजस्थान की एक दर्जन से ज्यादा लड़कियां सिविल सेवा के लिए चयनित हुई है।
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अलवर जिले लक्ष्मणगढ निवासी लघिमा तिवाड़ी ने 19 वीं रैंक हासिल की है। लघिमा के पिता दिल्ली में अध्यापक हैं और मां गृहणी हैं।
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झालावाड़ जिले के डग निवासी आयुषी जैन ने 74 वीं रैंक हासिल की है। आयुषी ने गत वर्ष 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में 85 वां स्थान हासिल किया था। वे दिल्ली रहती हैं।
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जयपुर की रहने वाली वैदिक बियानी ने 213 वीं रैंक हासिल की है। वैदिक पिछले तीन साल से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
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बीकानेर निवासी अनुप्रिया चौधरी ने 239 वीं रैंक हासिल की है। अनुप्रिया के पिता डॉ. देवेन्द्र चौधरी हैल्थ डिपार्टमेंट में संयुक्त निदेशक हैं।
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नागौर जिले के मेड़ता निवासी डॉ. मुदिता शर्मा पहले ही प्रयास में आईएएस बनी हैं। एमबीबीएस करने के बाद निजी अस्पताल में कुछ महीनों तक प्रेक्टिस की और फिर प्रेक्टिस को ब्रेक देते हुए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली चली गई थी। डॉ. मुदिता ने 381 वीं रैंक हासिल की है।
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नागौर जिले के खुड़खुड़ा गांव निवासी मैना खुड़खुड़िया ने पहले प्रयास में सफलता पाते हुए 618 वीं रैंक हासिल की है। मैना के माता पिता किसान हैं।
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चुरू जिले के सादुलपुर के पास न्यांगल गांव निवासी साक्षी पूनिया ने 220 वीं रैंक हासिल की है।
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चुरू जिले की गांव थिरपाली निवासी माया चाहर 547 वीं रैंक हालिस की है।
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झुंझुनूं जिले के खेतड़ी के पास गौरीर गांव निवासी सोनू कुमारी ने 208 वीं रैंक पाई है। सोनू का यह पहला ही प्रयास था। सोनू के पिता राजेश मान भारतीय सेना में सूबेदार हैं और वे देहरादून में तैनात हैं।
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अलवर जिले के बर्डोद निवासी मनीषा भारद्वाज ने 522 वीं रैंक हासिल की है। मनीषा ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल करके बर्डोद और अलवर का मान बढाया है।
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