9 साल पुरानी दुश्मनी का बदला लेकर इस लड़की ने मरवाया था गैंगस्टर राजू ठेहट को, जानिए कौन हैं ये नई लेडी डॉन - राजू ठेहट की मौत का रहस्य
रामस्वरूप लामरोड़,
जयपुर, राजस्थान में एक और नई लेडी डॉन का नाम सामने आया है। इस लेडी डॉन ने पिछले दिनों सीकर में हुए गैंगस्टर राजू ठेहट के हत्याकांड की प्लानिंग की थी। राजस्थान की रहने वाली यह लेडी डॉन पिछले 6 साल से इंडिया में नहीं है। बताया जा रहा है कि वह दुबई में है और वहीं से उसने राजू ठेहट की हत्या की साजिश रची थी। सीकर पुलिस द्वारा राजू ठेहट हत्याकांड मामले में पेश की गई चार्जशीट में इस लेडी डॉन की भूमिका का जिक्र किया गया है। फिलहाल उसे पकड़ने के सभी प्रयास विफल साबित हुए हैं।
जानिए कौन हैं ये नई लेडी डॉन
राजस्थान की इस लेडी डॉन का नाम है चरणजीत सिंह उर्फ चीनू। चीनू कुख्यात गैंगस्टर रहे आनन्दपाल सिंह की बड़ी बेटी है जो कि दुबई में रहती है। जून 2017 में जब पुलिस ने आनन्दपाल सिंह का एनकाउंटर किया था तब से चीनू इंडिया से बाहर है। चीनू नागौर जिले के सांवराद गांव की रहने वाली है। गांव में उसकी दादी, चाचा, मां और छोटी बहिन रहती हैं। कुछ आपराधिक घटनाओं में पुलिस ने चीनू की भूमिका भी लिप्त मानी है लेकिन पुलिस चीनू को पकड़कर भारत लाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
9 साल पुरानी दुश्मनी का लिया बदला
चीनू के पिता गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह और राजू ठेहट दोनों जानी दुश्मन थे। वर्ष 2014 में आनन्दपाल सिंह बीकानेर जेल में बंद था। आनन्दपाल सिंह को मारने के लिए राजू ठेहट ने बीकानेर जेल में हथियार पहुंचा कर गैंगवार की घटना को अंजाम दिलवाया। इस गैंगवार में आनन्दपाल सिंह तो बच गया लेकिन उसका साथी बलवीर बानूड़ा मारा गया। हालांकि आनन्दपाल सिंह और बलवीर बानूड़ा पर जानलेवा हमला करने वाले दोनों बदमाशों को जेल में उसी दिन पीट पीट कर मार दिया गया था लेकिन बलवीर बानूड़ा की मौत का बदला लेने के लिए चीनू ने राजू ठेहट की हत्या की प्लानिंग की।
राजू ठेहट नेता बनकर जिन्दगी जिए, यह चीनू को मंजूर नहीं था
आनन्दपाल सिंह की बेटी चीनू पिछले गई सालों से राजू ठेहट की हत्या करना चाहती थी लेकिन ठेहट लम्बे समय से जेल में बंद रहा। ऐसे में वह ठेहट की हत्या करवाने में कामयाब नहीं हो पाई। कोरोना के समय राजू ठेहट को जमानत मिली और वह जेल से बाहर आ गया था। इसी दौरान राजू ठेहट नीम का थाना से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी करने लगा लेकिन चीनू को यह मंजूर नहीं था। चीनू नहीं चाहती थी कि उसके पिता का दुश्मन राजनीति में आकर नेता बनकर सुकून की जिन्दगी जीए। चीनू ने बलवीर सिंह बानूड़ा के बेटे सुभाष बानूड़ा और रोहित गोदारा के साथ मिलकर ऐसा षड़यंत्र रचा कि राजू ठेहट को मौत के घाट उतार दिया गया।
कई प्रयासों के बाद ठिकाने लगाया जा सका ठेहट को
राजू ठेहट के जेल से बाहर आने के बाद चीनू ने चार बार उसकी हत्या की साजिश रची लेकिन वह कामयाब नहीं हो सकी। चीनू ने आनन्दपाल सिंह के खास गुर्गे मनीष सिंह से संपर्क किया क्योंकि मनीष भी जमानत पर जेल से बाहर था। उधर चीनू के कहने पर सुभाष बराल ने मनीष के मोबाइल में सिग्नल एप डाउनलोड किया और इस एप के जरिए रोहित गोदारा से बात की। चीनू की प्लानिंग के मुताबिक राजू ठेहट को मौत के अंजाम तक पहुंचाना था। चार बार प्रयास विफल हुए लेकिन दिसंबर 2022 में कुछ शूटर्स को हायर करके उन्हें स्टुडेंट बनाकर सीकर भेजा गया था। 3 दिसंबर की सुबह साढे 9 बजे चार शूटर्स ने राजू ठेहट को उसी के घर के दरवाजे पर गोलियों से भून दिया। हालांकि हमला करने वाले चारों बदमाशों को सीकर पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। इस हत्याकांड में अब तक 24 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। चीनू, लॉरेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा सहित करीब 20 आरोपी फिलहाल फरार है।
Comment / Reply From
You May Also Like
Recommended posts
Vote / Poll
राजस्थान में होने वाले राज्यसभा चुनाव 2023 में कौन जीतेगा
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!