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सिरोही के समाजसेवी दलपत राजपुरोहित ने थामा बीजेपी का दामन, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने दिलाई सदस्यता - टिकट के दावेदारों में एक और ब्राह्मण नेता के रूप में आए आगे

सिरोही के समाजसेवी दलपत राजपुरोहित ने थामा बीजेपी का दामन, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने दिलाई सदस्यता

सिरोही। पिछले कई सालों से समाजसेवा में हर वक्त सक्रिय रहने वाले युवा नेता दलपत मंडवारिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। शनिवार 12 अगस्त को जयपुर स्थित प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने समाजसेवी दलपत मंडवारिया के साथ कई नेताओं और सेवानिवृत अधिकारियों कर्मचारियों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान अरुण सिंह, सीपी जोशी और राजेन्द्र राठौड़ ने दलपत के गले में भगवा दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। पार्टी कार्यालय में मीडिया से रूबरू होते हुए प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि समाज सेवा में लम्बे समय से सक्रिय लोगों के पार्टी से जुड़ने पर पार्टी को काफी फायदा होगा।

 

छोटी सी उम्र में कई गौशालाओं के ट्रस्टी हैं मंडवारिया



सिरोही जिले के मंडवारिया गांव के रहने वाले दलपत राजपुरोहित वर्ष 2015 से 2020 तक मंडवारिया ग्राम पंचायत के सरपंच रहे हैं। मात्र 35 साल के ये ऊर्जावान युवा नेता सिरोही जिले की कई गौशालाओं के ट्रस्टी हैं। स्टील व्यवयासी दलपत मंडवारिया पिछले कई सालों से समाजसेवा के कार्यों से जुड़े हैं। गरीब और वंचित वर्ग के परिवारों मदद के लिए वे हमेशा आगे रहे हैं।

 

ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने बड़ा चेहरा बने दलपत



दलपत मंडवारिया राजपुरोहित समाज का मारवाड़ और देसावर में एक जाना माना नाम है। मंडवारिया में सरपंच रहने के दौरान एक साथ 25 हजार पौधे लगाने के कारण वे पूरे सिरोही जिले में चर्चित हो गए। साथ ही वे लगातार गौशालाओं में दान करते रहते हैं। ब्राह्मण समाज के लोगों में उनकी अच्छी पकड़ है। पिछले दिनों 25 जून को सिरोही जिले में ब्राह्मण महापंचायत का आयोजन हुआ था। इस महापंचायत में दलपत मंडवारिया की मुख्य भूमिका थी।

 

 विधायक संयम लोढा के चुनाव प्रचार में निभाई थी भूमिका



सूत्रों के अनुसार दलपत मंडवारिया संयम लोढा के नजदीकी व्यक्ति हैं। वर्ष 2018 के चुनाव के दौरान संयम लोढ़ा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था। ऐसे में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। चुनाव के दौरान प्रचार प्रसार में दलपत मंडवारिया ने अहम योगदान दिया । दलपत के साथ युवाओं की एक बड़ी टीम जुड़ी हुई है। इसका सीधा फायदा संयम लोढा को मिला। अब दलपत राजपुरोहित खुद प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में आने से खुद ब खुद उनकी राहें लोढ़ा से अलग हो गई है। दलपत खुद राजनीति में आकर जनता की सेवा करना चाहते हैं। संघ से जुड़े होने के कारण उनका दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अच्छी तालमेल है।



भाजपा नेताओं और युवाओं में खुशी की लहर



लंबे समय से समाज सेवा में सक्रिय रहे दलपत मंडवारिया का जिले के युवाओं पर काफी प्रभाव है, वहीं भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों में मजबूत पकड़ है। दलपत राजपुरोहित के भाजपा के जुड़ने के साथ ही जिले के भाजपा पदाधिकारियों व जिले भर के युवाओं में खुशी की लहर देखने को मिल रही है।

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