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सचिन पायलट ने सरकार को ललकारा तो सीएम अशोक गहलोत ने दिया ये जवाब - 'हमारे जिन विधायकों ने बीजेपी से 10-20- करोड़ रुपए लिए हैं, वे वापस अमित शाह को लौटा दें'

सचिन पायलट ने सरकार को ललकारा तो सीएम अशोक गहलोत ने दिया ये जवाब



जयपुर। 6 मई को सचिन पायलट ने बाड़मेर में अपनी ही पार्टी की सरकार को ललकारा था। पायलट ने कहा था कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो कुछ लोगों को बुरा लगा लेकिन उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है। पायलट बोले कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। अगले ही दिन 7 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट को तगड़ा जवाब दे दिया। धौलपुर के राजाखेड़ा में आयोजित सभा में सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार को गिराने के लिए बीजेपी ने बड़ा षड़यंत्र रचा था। हमारे कुछ विधायकों को पैसे बांट दिए थे। गहलोत ने इशारों ही इशारों में पायलट और उनके समर्थक विधायकों को आइना दिखाते हुए यह बयान दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह को पैसे वापस लौटा दो वरना गुजरात के विधायकों की तरह दबाव में रहोगे। गहलोत के इस बड़े बयान के 24 घंटे बाद तक पायलट कैंप की ओर से कोई जवाब नहीं आया।

 

पढें कैसे करारा जवाब दिया अशोक गहलोत ने

 

सीएम गहलोत ने अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम लेते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस की सरकार को गिराने का प्रयास किया था। हमारे कुछ विधायकों को पैसे बांट दिए गए थे। 10 से 20 करोड़ रुपए प्रत्येक विधायकों को दिए गए लेकिन निर्दलीयों और अन्य विधायकों के सहयोग से सरकार बच गई। गहलोत ने पायलट और उनके समर्थित विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन विधायकों ने बीजेपी के नेताओं से 10 या 20 करोड़ रुपए लिए हैं, वे रुपए वापस अमित शाह को लौटा दें। अगर उन रुपयों में से कुछ हिस्सा खर्च हो गया है तो खर्च का हिस्सा मुझ से ले लें या मैं एआईसीसी से दिलवा दूंगा लेकिन अमित शाह को पैसे वापस लौटे दें। गहलोत ने कहा कि अगर उनके पैसे वापस नहीं दिए तो वे आपको डराएंगे, धमकाएंगे जैसे गुजरात में करते हैं।

 

गहलोत के बयान से गिरे पायलट

 

सचिन पायलट पिछले एक महीने से लगातार सरकार पर सियासी हमला करते आए हैं। पायलट ने 11 अप्रेल को अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ अनशन किया था। इसके बाद पिछले एक महीने में पायलट ने कई बार बयान दिए हैं कि विपक्ष में रहने के दौरान हम कांग्रेसी नेताओं ने जनता से वादा किया था कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए हजारों करोड़ रुपए के घोटालों की जांच कराएंगे। कांग्रेस को सत्ता में आए हुए साढे चार साल हो गए लेकिन सरकार ने अभी तक उन घोटालों की जांच नहीं करवाई है। पायलट कहते हैं कि अगर हमारी कथनी और करनी में अंतर होगा तो छह महीने बाद हम वोट मांगने के लिए जनता के बीच कैसे जाएंगे। अब गहलोत ने जुलाई 2020 में पायलट और उनके समर्थकों द्वारा की गई बगावत को याद दिलाते हुए सियासी हमला किया है। पायलट ने अभी तक कोई सफाई नहीं दी है।

 

रुपए लिए हैं या नहीं, सस्पेंस बरकरार

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार आरोप लगा चुके हैं कि बीजेपी करोड़ों रुपए देकर विधायकों को खरीदती है। कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में बीजेपी ने सरकारें गिराई थी। राजस्थान में भी कई विधायकों को 10 से 20 करोड़ रुपए बांट दिए गए थे। सीएम गहलोत द्वारा इतना गंभीर आरोप लगाने के बावजूद भी सचिन पायलट और उनके समर्थकों की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है। पायलट खेमे के विधायकों ने यह भी नहीं कहा है कि उन्होंने रुपए नहीं लिए हैं। पायलट खेमे की चुप्पी ने कई सवाल उठा दिए हैं। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं और गहलोत के इस आरोप के पास पायलट कैंप की ओर से बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

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