FIR दर्ज करने के लिए डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को देना पड़ा डीजीपी के बंगले पर धरना - कोटखावदा में थार जीप द्वारा 6 लोगों को कुचलने के मामले में न्याय मांग रहे डॉ. मीणा
जयपुर। राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को एफआईआर दर्ज करने के लिए सोमवार दोपहर पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा के सरकारी आवास पर धरना देना पड़ा। डॉ. मीणा डीजीपी के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए थे। उनके साथ कोटखावदा में हुए सड़क हादसे के शिकार परिवार के बच्चे थे। डॉ. मीणा का आरोप है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दावा करते हैं कि परिवादी की तुरंत एफआईआर दर्ज की जाती है लेकिन कोटखावदा में रविवार 21 मई की सुबह हुए सड़क हादसे में सोमवार दोपहर तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। हादसे में एक थार जीप ने 6 लोगों को कुचल दिया था जिनमें से 4 जनों की मौत हो गई। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डॉ. मीणा अपने समर्थकों के साथ डीजीपी के बंगले पर पहुंचे थे। बाद में तुरत फुरत में एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद धरना खत्म किया गया।
पहले कोटखावदा में हुए हादसे के बारे में जाने
कोटखावदा इलाके में रामनगर रोड़ पर स्थित डोई की ढाणी निवासी मदन की 17 मई को मृत्यु हो गई थी। दो दिन बाद 19 मई को मदन की पत्नी सुनीता, बेटा गोलू, छोटा भाई विक्की, बड़ा भाई सीताराम और सीताराम की पत्नी अनीता के साथ दौसा निवासी परिचित मनोहर अस्थियां विसर्जन के लिए हरिद्वार गए थे। 21 मई की सुबह वे हरिद्वार से वापस लौटे और घर से एक किलोमीटर पर सड़क किनारे पेड़ की छांव में बैठकर परिवार वालों का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान एक तेज रफ्तार थार जीप ने सुनीता, गोलू, विक्की, सीताराम और अनीता को कुचल दिया। इस हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों सुनीता, गोलू, सीताराम और अनीता की मौत हो गई थी।
डॉ. मीणा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने मृतक के परिजनों के लिए मांगा मुआवजा
हादसे के बाद थार जीप चालक मौके से फरार हो गया जो कि सोमवार तक पकड़ा नहीं जा सका। इसी बीच पीड़ित परिवार की मदद के लिए राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में परिजनों और स्थानीय लोगों ने कोटखावदा में धरना दिया। रविवार देर रात तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ वार्ता का दौर चला लेकिन सहमति नहीं बनी। डॉ. मीणा का आरोप है कि इस मामले में सोमवार दोपहर तक पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज नहीं की।
सरकार के समक्ष ये मांगें रखी गई हैं
1. हादसे को अंजाम देने वाले थार जीप चालक की शीघ्र गिरफ्तारी हो।
2. मृतकों के परिवार वालों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और घायलों को 15-15 लाख रुपए का मुआवजा मिले।
3. चिरंजीवी योजना के तहत 10-10 लाख रुपए मृतक आश्रितों को तुरंत दें और गंभीर घायलों को भी नियमानुसार आर्थिक मदद दें।
4. मृतकों के आश्रितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान का निर्माण करवाया जाए।
5. मृतकों के आश्रितों को निशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान की जाए।
6. पीड़ित परिवार को पालनहार योजना का लाभ दिया जाए।
7. मृतक परिवार के आश्रितों को संविदा पर नौकरी दी जाए।
पायलट के साथ सोलंकी धरना स्थल पर गए तो स्थानीय लोगों ने की नारेबाजी
सोमवार सुबह कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी हादसे के शिकार पीड़ित परिवार से मिलने के लिए कोटखावदा पहुंचे। इस दौरान चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी भी धरना स्थल पर पहुंचे थे। स्थानीय लोग सोलंकी से खफा थे। लोगों ने सचिन पायलट की मौजूदगी में वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान सचिन पायलट को भी विरोध का सामना करना पड़ा। पीड़ित परिवार से मिलकर जब सचिन पायलट वापस लौट रहे थे तब लोगों ने खूब हंगामा किया। पुलिस ने पायलट और सोलंकी को सुरक्षा घेरे में लेकर वहां से निकाला। इस दौरान कुछ लोगों ने सोलंकी की गाड़ी की तरफ पत्थर भी फैंके।
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