चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग, जानिए सफर के आखिरी समय में कौनसे चार पड़ाव पार किए थे चंद्रयान 3 ने - 23 अगस्त 2023 का दिन रहा भारत के लिए ऐतिहासिक
जयपुर। बुधवार 23 अगस्त 2023 का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक दिन रहा। भारत का चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर गया है। भारत ने वह इतिहास रचा है जिसे अब तक दुनिया का कोई भी देश नहीं कर पाया। चंद्रयान 3 की लैंडिंग के दौरान पीएम मोदी भी दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स सम्मेलन से इसरो के साथ लाइव जुड़े रहे। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर जब ही लैंडर और रोवर ने चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की। उस समय पीएम मोदी ने ताली बजाकर देश के वैज्ञानिकों को इस महान उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने तिरंगे को लहराते हुए भारत की इस उपलब्धि पर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने इस उपलब्धि को सबसे बड़ा बताते हुए कहा कि हमने धरती पर संकल्प लिया और उसे चांद पर पूरा किया। यह पूरे देश के लिए गर्व का पल है।
चंद्रयान-3 ने पार किए चार पड़ाव
1. रफ ब्रेकिंग फेज - इस दौरान लैंडर विक्रम लैंडिंग साइट से 750 किलोमीटर दूर था। इसकी स्पीड 1.68 किलोमीटर प्रति सेकंड थी। यह फेज़ साढ़े 11 मिनट तक चला। इस दौरान विक्रम के सेंसर लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे थे। फिर 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने तक इसकी गति 358 मीटर प्रति सेकंड हो गई थी।
2. ऑल्टिट्यूड होल्ड फेज - इस दौरान लैंडर विक्रम चांद की सतह की फोटो खींची। फिर पहले से मौजूद तस्वीरों के साथ इसकी तुलना की। यह सब कुछ 10 सेकंड के भीतर हो गया। इस दौरान लैंडर की गति 336 मीटर प्रति सेकंड थी।
3. फाइन ब्रेकिंग फेज - यह फेज़ 2.9 मिनट यानी 175 सेकंड तक चला। इस दौरान लैंडर की पोजीशन पूरी तरह वर्टिकल थी। चांद की सतह से इसकी ऊंचाई 800 मीटर बीच थी। इस फेज़ में लैंडर विक्रम के सेंसर सतह से ऊंचाई नाप रहे थे।
4. टर्मिनल डिसेंट फेज - यह चंद्रयान का सफर का आखिरी फेज था जिसमें 2.18 मिनट यानी 131 सेकंड में लैंडर विक्रम चांद की सतह से 150 मीटर ऊपर था। 150 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की गति 60 मीटर प्रति सेकंड थी। इस दौरान लैंडर में लगा है जर्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा चांद की सतह की तस्वीरें लिया और साथ ही गो- नो गो टेस्ट रन किया।
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