IAS पवन अरोड़ा ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृति, अब मीडिया में शुरू करेंगे नई पारी - दो भाई और एक बहन, तीनों प्रशासनिक सेवाओं में, 34 साल की पूरी नौकरी में एक बार भी जयपुर से बाहर नहीं गए पवन
जयपुर। देश के चर्चित आईएएस अफसरों में गिने जाने वाले पवन अरोड़ा ने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की एप्लीकेशन को मंजूरी देते हुए सरकार ने उन्हें 18 अगस्त 2023 को रिलीव होने की अनुमति दी है। मूलरूप से गंगानगर जिले के रायसिंह नगर के रहने वाले पवन अरोड़ा जून 2019 से राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त रहे हैं। हाल ही में 20 फरवरी 2023 को उन्हें मुंबई में टाइम्स समूह की वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस ने प्रतिष्ठित 'विजनरी लीडर' और प्रतिष्ठित वर्ल्ड सस्टेनेबिलिटी संस्था ने 'ग्लोबल सीएसआर एक्सीलेंस एंड लीडरशिप' अवार्ड से सम्मानित किया है।
मैनेजमेंट गुरु के रूप में चर्चित पवन अरोड़ा
आरएएस से आईएएस में पदोन्नत हुए पवन अरोड़ा को मैनेजमेंट गुरु के रूप में जाना जाता है। वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन बनाया। पूर्व में हाउसिंग बोर्ड मृतप्राय विभाग माना जा रहा था क्योंकि यह विभाग हमेशा घाटे में रहा और लोगों को हाउसिंग की बेहतरीन सुविधाएं नहीं दे पाया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई मर्तबा कह चुके हैं कि वे इस विभाग को बंद करना चाहते थे लेकिन पवन अरोड़ा ने इस विभाग को नई पहचान दी। पवन अरोड़ा की वजह से हाउसिंग बोर्ड को पिछले चार साल में कुल 12 अवार्ड मिल चुके हैं। इनमें मकान विक्रय में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस, स्कॉच अवार्ड-2021, अवार्ड ऑफ एक्सीलेंसी, नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल द्वारा सम्मान, नेशनल हाउसिंग अवार्ड, आई.बी.सी और 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-गोल्ड अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित अवार्ड शामिल हैं। पवन अरोड़ा के कारण राजस्थान आवासन मंडल देशभर के मैनेजमेंट गुरुओं के लिये केस स्टडी बना हुआ है। देश के कई राज्य इस मॉडल को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।
34 साल की पूरी नौकरी सिर्फ जयपुर में
पवन अरोड़ा वर्ष 1989 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे। ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जयपुर में सहायक कलेक्टर के तौर पर हुई। बाद में वे बस्सी के विकास अधिकारी भी रहे। आपको यह जानकार हैरानी होगी की पवन अरोड़ा पहले ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने पूरी 34 साल की नौकरी सिर्फ जयपुर में ही की है। आरएएस के बाद आईएएस में पदोन्नत होने के बाद भी वे जयपुर में ही कार्यरत रहे हैं। सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की। सभी सरकारों में वे हमेशा प्रमुख पदों पर ही रहे।
दो भाई और एक बहन, तीनों प्रशासनिक सेवा में
पवन अरोड़ा के एक बड़े भाई हैं जगदीश चन्द्र अरोड़ा जिन्हें लोग कातिल साहब नाम से जानते हैं। जगदीश चंद्र सबसे पहले आरएएस बने थे। इसके बाद छोटे भाई पवन अरोड़ा भी आरएएस बने। कुछ सालों बाद उनकी बहन सुषमा अरोड़ा भी आरएएस बनी। लम्बी राजकीय सेवा के बाद एक के बाद एक तीनों आईएएस में पदोन्नत हुए। जगदीश चंद्र वर्ष 2008 में सेवानिवृति ले चुके हैं और वर्तमान में वे राजस्थान के चर्चित न्यूज चैनल फर्स्ट इंडिया न्यूज चैनल के सीएमडी हैं। अब पवन अरोड़ा भी सेवानिवृति लेकर फर्स्ट इंडिया न्यूज के सीईओ और एडिटर बन गए हैं। साथ ही वे अंग्रेजी अखबार फर्स्ट इंडिया न्यूज के संपादक का कामकाज भी देखेंगे।
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