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दिल्ली में कांग्रेस की बैठक के बाद सचिन पायलट के तेवर पड़े नरम, - अशोक गहलोत को उम्र और अनुभव में सीनियर बताते हुए मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही

दिल्ली में कांग्रेस की बैठक के बाद सचिन पायलट के तेवर पड़े नरम,

 

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में चल रही सियासी जंग अब खत्म होती नजर आ रही है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट द्वारा हाल ही में न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए गए इंटरव्यू में वे साफ कह रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव सब मिलकर लड़ेंगे। पायलट ने कहा कि सामूहिक नेतृत्व ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। दिल्ली में हुई बैठक का हवाला देते हुए पायलट ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें कहा था कि भूलो, माफ करो और आगे बढो। जो समय निकल गया, वो आने वाला नहीं है। कई चुनौतियां हमारे सामने है जिनका मुकाबला हमें मिलकर करना है। पायलट ने कहा कि अध्यक्ष के तौर पर उनका यह सुझाव एक निर्देश भी है। खरगे जी ने जो कहा, उस पर पूरा विश्वास है।

 

गहलोत के लिए यह बोले सचिन पायलट

 

अशोक गहलोत के धुर विरोधी रहे पायलट के सुर अब बदल गए हैं। न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में पायलट ने कहा कि 'गहलोत जी उम्र में मुझ से बड़े हैं। उन्हें ज्यादा अनुभव है, उनके कंधों पर ज्यादा जिम्मेदारियां है। जब मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था तब मैंने कोशिश की थी कि सबको साथ लेकर चलूं। मुझे लगता है कि आज वह मुख्यमंत्री हैं, तो वे यह कोशिश कर रहे हैं कि सबको साथ लेकर चलें।' पायलट ने आगे कहा कि 'अगर कहीं थोड़ा बहुत आगे पीछे है तो वह बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि पार्टी और जनता किसी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। यह बात मैं भी समझता हूं और वे भी समझते हैं।'

 

मिलकर लड़ेंगे, कांग्रेस में चुनाव जीतने के बाद सीएम तय होता है

 

आगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस के सीएम चेहरे से जुड़े सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस में एक परम्परा रही है कि पार्टी कभी पहले सीएम घोषित नहीं करती। चुनाव जीतने के बाद सीएम तय होता है। पार्टी में दशकों से यही परम्परा रही है कि किसी एक चेहरे को आगे करके चुनाव नहीं लड़ते। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था। तब हम सब ने मिलकर चुनाव लड़ा था। बाद में पार्टी ने जो फैसला लिया, वह सबके सामने है। इस बार भी हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। चुनाव जीतने के बाद पार्टी किसे मौका देती है, यह पार्टी को निर्णय लेना है। हमारे लिए चुनाव जीतना सबसे महत्वपूर्ण है।

 

अकेले चुनाव जीतने का जादू वाला दावा कोई नहीं कर सकता

 

पायलट ने कहा कि कोई भी नेता अकेले दम पर चुनाव जीतने के जादू का दावा नहीं कर सकता। हाल ही में पंजाब, हिमाचल और कर्नाटक में बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था। नतीजा क्या रहा, यह पूरा देश देख रहा है। अब लोग समझ गए हैं कि देश के लिए हितकारी कौन है। धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों को जनता ने परख लिया है। लोग समझ रहे हैं कि बीजेपी के नेता जानबूझकर ऐसे विवादित बयान देते हैं जिससे की पार्टी को फायदा मिले। 

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