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माली महासंगम में समाज के लोगों ने दिखाई ताकत, राजनैतिक दलों से मांगा उचित प्रतिनिधित्व - महासंगम में लगे अशोक गहलोत जिन्दाबाद के नारे, हजारों लोग गहलोत के समर्थन में तख्तियां लेकर पहुंचे

माली महासंगम में समाज के लोगों ने दिखाई ताकत, राजनैतिक दलों से मांगा उचित प्रतिनिधित्व

माली महासंगम में समाज के लोगों ने दिखाई ताकत, राजनैतिक दलों से मांगा उचित प्रतिनिधित्व

महासंगम में लगे अशोक गहलोत जिन्दाबाद के नारे, हजारों लोग गहलोत के समर्थन में तख्तियां लेकर पहुंचे,

देश प्रदेश से माली समाज के लाखों पहुंचे, समाज ने दिया एकजुटता का परिचय


जयपुर। जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में माली समाज की ओर से माली महासंगम का आयोजन किया गया। इस महासंगम में देश प्रदेश के लाखों की तादाद में माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, मौर्या, सुमन, वनमाली और भोली माली समाज के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। माली महासंगम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रहे जबकि विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रहे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत, विधायक शोभारानी कुशवाह, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी भूपेंद्र सैनी उर्फ पिंटू सैनी, छुटनलाल सैनी, मनोज अजमेरा सहित समाज के कई प्रतिनिधि इस सम्मेलन में मौजूद रहे। वक्ताओं ने अपने संबोधन के दौरान सरकार से मांग की कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां समाज के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दें। जो राजनीतिक दल माली समाज की उपेक्षा करेगा समाज उनका पुरजोर विरोध करेगा।

जातिगत जनगणना के आधार पर मिले प्रतिनिधित्व और आरक्षण

समाज के प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की कि जातिगत जनगणना के आधार पर समाज के लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल दिया जाए और आगामी चुनाव में प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया जाए।

सीएम गहलोत के समर्थन में तख्तियां लेकर पहुंचे समाज के लोग

इस महासंगम में शामिल हुए सैंकड़ों लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में तख्तियां लेकर पहुंचे। जैसे ही मंच पर केशव प्रसाद मौर्य का भाषण शुरू हुआ तो लोगों ने अशोक गहलोत जिन्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। थोड़ी देर तो केशव प्रसाद मौर्य भाषण देते रहे लेकिन जब गहलोत के समर्थन में हो रही नारेबाजी लगातार जारी रही तो उन्होंने अपना भाषण बीच में ही छोड़ दिया। लगातार गहलोत के समर्थन में हो रही नारेबाजी से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी असहज महसूस करने लगे और वे कार्यक्रम को बीच में छोड़कर चले गए।

वैभव गहलोत बोले - समाज के लोग मुख्यमंत्री के कामकाज से खुश हैं

माली महासंगम में पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, विधायक शोभारानी कुशवाहा, अशोक गहलोत के पुत्र और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत छुट्टन लाल सैनी, भूपेन्द्र उर्फ पिंटू सैन, मनोज अजमेरा सहित कई नेता मंच पर मौजूद रहे। वैभव गहलोत ने कहा कि समाज के लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के कामकाज से खुश हैं। सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं जारी की है जिसका लाभ प्रदेश के हर परिवार को मिल रहा है। समाज को लोगों का लगातार समर्थन मिल रहा है। यह संकेत है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार रिपीट होने जा रही है।

माली महासंगम के जरिए ये मांगे रखी माली समाज ने


1. महात्मा ज्योतिबाराव फूले एवं सावित्री बाई फूले को भारत रत्न से सम्मानित किया जायें।

2. नवीन संसद भवन में पूर्व की भांति महात्मा ज्योतिबाराव फूले की प्रतिमा स्थापित की जायें।

3. माता सावित्री बाई फूले द्वारा महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण के लिये किये गये कार्यों को देखते हुये 5 सितम्बर शिक्षक दिवस को माता सावित्री बाई फूले के नाम से शिक्षक दिवस मनाया जावें।

4. सैनी, माली, कुशवाहा, शाक्य, मौर्य, मौर्या, सुमन, वनमाली, भोई माली समाज को उनके अति आर्थिक, सामाजिक पिछड़े पन के आधार पर 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जावें।

5. राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टियां माली समाज को विधानसभा चुनाव में प्रत्येक जिले में कम से कम 1 टिकट तथा लोकसभा चुनाव में प्रदेश की किसी भी एक लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनायें।

6. महात्मा ज्योतिबाराव फूले बोर्ड की भांति कुशवाहा समाज के लिए लवकुश बोर्ड का गठन किया जावें।

7. देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबाराव फूले दम्पत्ति के नाम से शोधपीठ का गठन किया जावें।

8. जातिगत जनगणना 2011 के आकड़े जारी कर जनसंख्या अनुपात में अति पिछड़ा वर्ग समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिये संसाधन उपलब्ध कराये जावें।

9. संत शिरोमणि लिखमीदास जी महाराज के नाम से उनके जन्म स्थल अमरपुरा नागौर को पेनोरमा एवं धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जावें।

10. केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक की जावें।

11. सामाजिक एवं राजनैतिक आंदलनों में दर्ज मुकदमे जो समाज बंधुओं पर गैर कानूनी रूप से दर्ज किये गये है उन्हें तुरन्त वापिस लिया जावें।

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