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गहलोत - वसुंधरा नहीं तो कौन बनेगा राजस्थान का मुख्यमंत्री - जानिए बीजेपी और कांग्रेस में कौन कौनसे नेता हैं सीएम के दावेदार

गहलोत - वसुंधरा नहीं तो कौन बनेगा राजस्थान का मुख्यमंत्री

 

जयपुर। राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव हैं। बीजेपी और कांग्रेस के साथ तीसरा मोर्चा भी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेंगे। हालांकि दोनों ही दलों ने फिलहाल सीएम फेस आगे नहीं किया है। कांग्रेस में तो ऐसी परम्परा ही नहीं रही लेकिन बीजेपी में इस बार गुटबाजी को देखते हुए प्रदेश स्तरीय नेता के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। इसके बावजूद भी राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री कौन होगा। इसे लेकर सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है। कांग्रेस में फिलहाल तीन से चार नाम चर्चाओं में है जबकि बीजेपी में आधा दर्जन से ज्यादा नेता मुख्यमंत्री की दौड़ में है। आइये जानते हैं इन नेताओं के बारे में....

 

कांग्रेस में ये नाम है सीएम की रेस में

 

राजस्थान में अगर कांग्रेस की सरकार रिपीट होती है तो यह तय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही चौथी बार सीएम बनेंगे। अगर गहलोत मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो ब्राह्मण नेता के तौर पर डॉक्टर सीपी जोशी और बुलाकीदास कल्ला (बीडी कल्ला) का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। इन दो नेताओं के बाद तीसरे नम्बर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा का नाम आता है क्योंकि गहलोत के बाद डोटासरा ही ऐसे नेता हैं जो गांधी परिवार के काफी नजदीकी नेता माने जाते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री पद के दावेदार सचिन पायलट भी हैं लेकिन भले ही कुछ विधायक उनके कट्टर समर्थक हों लेकिन अधिकतर विधायक पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते। पिछले चार सालों में प्रदेश कांग्रेस में जो घटनाक्रम हुए। उनका खामियाजा सचिन पायलट को भुगतना पड़ सकता है। जुलाई 2020 की बगावत, अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ अनशन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत के खिलाफ खुल्लम खुल्ला बयानबाजी। साथ ही कांग्रेस आलाकमान पर भी बार बार सवाल उठाने की वजह से पायलट का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर माना जा रहा है।

 

भाजपा में ये नेता हैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में

 

अगर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही है। हालांकि बीजेपी में 5 और 6 बार चुनाव जीतने वाले नेता भी हैं। कुछ नेता 7 बार चुनाव जीतने वाले भी हैं लेकिन अन्य नेताओं में सबसे मजबूत और पूरे राजस्थान में अपना प्रभाव रखने वाली नेता वसुंधरा राजे ही है। राजे की लोकप्रियता अन्य नेताओं से कहीं ज्यादा है। ऐसा लग नहीं रहा कि वसुंधरा के अलावा कोई नेता पार्टी का मुखिया बनेगा लेकिन अगर बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे को साइड में करता है तो दूसरी पंक्ति कई नेता मुख्यमंत्री की दौड़ में आ जाएंगे। प्रभावशाली नेताओं की बात करें तो गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद राजेन्द्र राठौड़ पार्टी में सबसे सीनियर नेताओं में गिने जाते हैं। सीनियर होने के साथ वे पीएम मोदी और अमित शाह के विश्वासपात्र नेताओं में है। इस बार ऐसी चर्चाएं हैं कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह, अश्विनी वैष्णव और ओम माथुर में से भी किसी नेता को सीएम की बनाया जा सकता है। इन नामों पर पिछले कई महीनों से चर्चाएं चल रही है।

 

नए नेता को भी सीएम बना सकती है बीजेपी

 

भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने कई राज्यों में नए प्रयोग किए हैं। पहली बार विधायक बनने वाले नेताओं को भी मुख्यमंत्री बनाया है। वर्ष 2014 में हरियाणा बीजेपी शासन में मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने थे। तब वे पहली बार ही विधायक चुने गए थे। बाद में खट्टर दूसरी बार भी मुख्यमंत्री बने। कुछ अन्य राज्यों में भी बीजेपी ने यह प्रयोग किया है। ऐसे में राजस्थान में भी ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी किसी पहली या दूसरी बार विधायक बनने वाले नेता को भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा सकती है। सवाई माधोपुर में बीजेपी विधायक रह चुकी और वर्तमान में राजसमंद सांसद दीया कुमारी और बीकानेर पूर्व से तीन बार विधायक रह चुकी सिद्धि कुमारी को भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। हालांकि बीजेपी मुख्यमंत्री का पत्ता सबसे आखिर में खोलने वाली है।

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